अनुपम
अतुल कुमार मिश्र
Saturday 9 March 2013
Wednesday 27 February 2013
रेलमंत्री पवन बंसल आज
रेल बजट पेश
कर रहे हैं
। रेल हम
सभी के जीवन
से जुड़ा बहुत
ही जरुरी संसाधन
है। यात्रा के
दौरान चाय ,काफी
.समोसे न हो
तो मजा ही
नहीं आता है।
इस रेल बजट
2013-14 पर
हमने रेलवे वेंडरों की
हाल चाल पड़ताल
किया । गोमती
एक्सप्रेस में चाय बेचने
वाले संतोष कुमार
ने अपनी कहानी
सुनते हुए निराश
हो गये । उनका कहना था
की कई रेल
बजट आये और
गये लेकिन उनके
परिवार की हालत
नहीं सुधर सकी
। सरकार अपने
ही घाटे को
पूरा करने में
लगी रहती है।
कुली,चाय बेचने
वाले,ठेला चलाने
वाले,के बिना
रेलवे अपनी विकासयात्रा पूरी
नहीं कर सकता
है। रेलवे अपनी
कमाई का बड़ा
हिस्सा मालभाड़ा,पार्सल
से करती है।
सवाल ये है
कि जिन्दगी भर
रेलवे के लिए
मजदूरी करने वाला
कहाँ है?रेलवे
अगर एक बहुत
बड़ा परिवार है
तो फिर ये
लोग हाशिये पर
क्यों पड़े है?ये चाय -पानी
बेचने वाले अक्सर
रेलवे पुलिस के
मनमानी के शिकार
होते है। मैंने
देखा है स्टेशनों पर
वेंडर से पुलिस
वाले पानी की
बोतले,चाय इतयादि
लेकर पैसे नही
देते है। इतने
बड़े सिस्टम में
ये हेरा फेरी
रोकने की कोशिश
क्यों नही हो
रही है ?कही
इसे पूजा चढ़ावा
तो नही माना
जा रहा है
?रेलवे महगाई का
दुहाई दे कर
यात्री किराया बढ़ाता
जा रहा है,क्या उसने कभी
अपने मजदूरों के
नियमतिकरण पर ध्यान देना
जरुरी समझा ?
निश्चित रूप से रेलवे
देश की अर्थव्यवस्था का
जरुरी अंग है
लेकिन अच्छा तभी
हो सकता है
जब इसके अन्दर
काम करने वाले
लोगो को बेहतर
और अच्छी सुविधा
मिल सकें। भारतीय रेल में सफ़र
करने वाले यात्रियों को अक़सर ट्रेन में दिए जाने वाले भोजन को लेकर शिकायत रहती
है. समय-समय पर खाने की गुणवत्ता और साफ़-सफ़ाई के बारे में भी सवाल उठे हैं। कोई
ये क्यों नही सोचता है कि इन सफ़ाईकर्मचारियों की क्या क्या समस्या है?इन तमाम
सवालों के बीच ये शेर और बात ख़तम कि
''कहाँ तो
तय था चिराग
हर घर के
लिए ,
कहाँ अब चिराग
मयस्सर नहीं सारे
शहर के लिए
''।
वादों की कहानी रेल बजट
रेलवे क्रासिंग पर होने वाले हादसों से रेल मंत्रालय सीख लेना चाहता है ।बजट में रेलवे क्रासिंग के लिए और धन उपलब्ध कराया गया है । सुरक्षा पर इस बजट में काफी ध्यान दिया गया है । रेल मंत्री पंवन बंसल ने इलाहाबाद में हुई भगदड़ की घटना पर खेद व्यक्त किया । महिलाओं की सुरक्षा के लिए महिला सी आर पी एफ की तैनाती की व्यवस्था की जा रही है । ट्रेन हादसों में कमी लाने के लिए एंटी क्लोजिन सिस्टम का काम आगे बढ़ाने का प्रस्ताव है । भारतीय रेल से जुड़े अध्ययन के लिए 5 फेलोशिप शुरू किया गया है । गन्दगी की समस्या से निपटने के लिए बायो टायलेट की संख्या बढ़ाए जाने का प्रस्ताव है । कुछ ट्रनो में
आधुनिक सुविधाओं से युक्त विशेष डिब्बा लगाया जायेगा । टिकट से जुडी सारी जानकारी एस एम एस और फ़ोन पर मिलेगी । चुनिन्दा ट्रेनों में वाई फाई की मुफ्त सुविधा उपलब्ध होगी । महिलाओं की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया है । आर पी सी की भर्ती में महिलाओं को दस फीसदी का आरक्षण दिया गया है ।
छ नए रेल नीर बाटलिंग प्लान्ट लगाये जायेगें। बेहतर धुलाई के लिए 8 से 10 लोंड्रिंग स्टेशन बनाये जाने हैं । ट्रेन में आग लगने से रोकने के लिए फायर फ्री सेल का गठन किया गया है । धूम्रपान रोकने के लिए स्मोक डिटेक्टर लगाये जायेगे । सीनियर सिटिजन के लिए बड़े स्टेशन पर 400 लिफ्ट लगाये जायेगें । काकोडकर और सैम पित्रैदा कमेटी की सिफारिसों पर भी विचार किया जाना है ।
Subscribe to:
Posts (Atom)